Jannah Theme License is not validated, Go to the theme options page to validate the license, You need a single license for each domain name.
Sexual offence

लखनऊ: सेक्स रैकेट का सरगना निकला एक भिखारी, असम और बिहार की किशोरियों से करवाता था जिस्मफरोशी

आरोपित मूलरूप से प्रयागराज का रहने वाला है. लेकिन कई सालों से उसने लखनऊ को ही अपना ठिकाना बना रखा है. माना जा रहा है कि उसके चंगुल में एक दर्जन बच्चे फंसे हैं.

 

लखनऊ

लखनऊ में  ऐसे सेक्स रैकेट का भंडाफोड़ हुआ है जिस का का सरगना एक भिखारी निकला. यह भिखारी असम बिहार से लाई गई लड़कियों को नशे की लत लगाकर जिस्मफरोशी के धंधे में धकेला करता था. गुरुवार को पुलिस ने दिव्यांग भिखारी विजय बद्री उर्फ़ बंगाली को गिरफ्तार कर लिया.

मामले का खुलासा तब हुआ जब गुरुवार सुबह विजय के चंगुल से भागकर दो किशोरियां बादशाहनगर स्टेशन पहुंची. उनके साथ दो किशोर भी थे. उसी दौरान गश्त पर निकले आरपीएफ दरोगा की नजर उन पर पड़ी. दो किशोरों के साथ किशोरियों को देखकर जब दरोगा वंश बहादुर ने उन्हें रोका तो दो किशोर भाग निकले. जिसके बाद किशोरियों ने विजय के सारे राज उगल दिए. आरपीएफ चौकी इंचार्ज वंश बहादुर की तहरीर पर केस दर्ज कर आरोपित विजय को गिरफ्तार कर लिया गया.

आरपीएफ इंस्पेक्टर एमके खान के अनुसार चौकी इंचार्ज वंश बहादुर यादव गश्त पर थे. इसी दौरान चार नाबालिग संदिग्ध हालत में टहलते दिखे. रोकने पर दो किशोर भाग निकले, लेकिन किशोरियों को पकड़ लिया गया. पूछताछ में किशोरियों ने बताया कि मुंशी पुलिया से 1090 चौराहे के बीच बच्चों से भीख मंगवाने वाले दिव्यांग विजय बद्री के लिए काम करती है. विजय उन्हें इंदिरानगर के चान्दन गांव में रखकर जिस्मफरोशी करवाता है. दोनों किशोरियां बिहार और असम की रहने वाली हैं.

पूछताछ में किशोरियों ने बताया कि समय से अड्डे पर नहीं पहुंचने पर विजय खुद तलाश में निकलता है. इस सूचना पर आरपीएफ ने दोनों को स्टेशन पर बैठकर विजय के आने का इन्तजार करने लगी. 12 बजे विजय उन्हें तलाशते हुए बादशाहनगर स्टेशन पहुंचा और आरपीएफ के हत्थे चढ़ गया. पूछताछ में विजय ने सारे राज उगल दिए.

आरोपित विजय ने बताया कि वह असम और बिहार के गरीब परिवारों की बच्चियों को लालच देकर अपने जाल में फंसाता था. उसके बाद उन्हें नशे की लत लगाकर भीख और जिस्मफरोशी के धंधे में धकेल देता था. आरोपित मूलरूप से प्रयागराज का रहने वाला है. लेकिन कई सालों से उसने लखनऊ को ही अपना ठिकाना बना रखा है. माना जा रहा है कि उसके चंगुल में एक दर्जन बच्चे फंसे हैं.

पोलकी ने जब सख्ती से पूछताछ की तो विजय ने कबूला कि जो भी किशोरी जिस्मफरोशी से इनकार करती थी वह उन्हें यातनाएं देता था. सिगरेट से जलाने के साथ ही दो-दो दिन तक भूखा रखता. बात न मानने पर ब्लेड से घायल भी कर देता था. किशोरियों ने बताया कि गलत काम करवाने के लिए खाने में अफीम मिलाकर देता था. नशे की लत पड़ने पर चाहकर भी भाग नहीं पाती थीं.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button